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नीतीश की दावत – ए -इफ्तार, महागठबंधन के कई नेताओं ने की किशरकत

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,पटना

अगले साल जब लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है तो तमाम सियासी दलों को मुसलमान याद आने लगे हैं. इसी क्रम में भाजपा ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलपति मंसूर को पार्टी का एमएलसी नियुक्त किया है. अलग बात है कि बीजेपी ने ‘ पसमांदा राजनीति’से पहले मुसलमानों को इतना भाव नहीं दिया. यहां तक कि उसे चुनाव में मुसलमानों को टिकट देने से भी परहेज है.

बहरसाल, इसी सियासी कश्मकश के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना स्थित सरकारी आवास स्थित नेक संवाद में पवित्र रमजान के अवसर पर रोजेदारों को दावत-ए-इफ्तार पर आमंत्रित किया.दावत-ए-इफ्तार में बड़ी संख्या में रोजेदारों एवं गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की.

इस अवसर पर इफ्तार के पहले मित्तन घाट के सज्जादानशीं हजरत सैयद शाह शमीमउद्दीन अहमद मुनअमी ने रमजान एवं रोजे की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला और सामूहिक दुआ की. मुख्यमंत्री सहित आमंत्रित अतिथियों ने सामूहिक दुआ में शामिल होकर राज्य की तरक्की, प्रगति, आपसी भाईचारे एवं मोहब्बत के लिए दुआएं कीं.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बारी-बारी से तमाम आगत अतिथियों एवं रोजेदारों का स्वागत किया.

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चैधरी, बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सहित कई मंत्री, विधायक और बड़ी संख्या में रोजेदार उपस्थित रहे.

बाद में मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हर वर्ष इसका आयोजन होता है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को मिलजुल कर प्रेम के साथ रहना है.उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में नेक संवाद बनाया गया और यहीं से इसकी शुरूआत की गई. सिर्फ दो वर्ष कोरोना के कारण इसका आयोजन नहीं हुआ, बाकी हर वर्ष इसका आयोजन होता रहा है.

दावत-ए-इफ्तार के आयोजन पर कुछ लोगों के ऐतराज होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका आयोजन सरकार की तरफ से किया जाता है. विपक्ष के लोग और अन्य दलों के लोग भी पार्टी के स्तर पर इसका आयोजन करते हैं.कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से फोन पर बात किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो आज नहीं तीन दिन पहले ही बात है. उनसे बात होती रहती है.