कुरान का अपमान, OIC ने इस्लामोफोबिया के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई का किया आह्वान
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने सदस्य देशों से एकजुट होकर स्वीडन में कुरान के अपमान की निंदा करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने का आहवान किया है.सऊदी अरब के निमंत्रण पर रविवार को जेद्दा में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) मुख्यालय में आपातकालीन बैठक आयोजित की गई.
अरब न्यूज के मुताबिक, ओआईसी की कार्यकारी समिति ने कुरान के अपमान की कड़ी निंदा की. कहा कि इस कृत्य ने लोगों के बीच आपसी सम्मान के रिश्ते और वैश्विक स्तर पर सहिष्णुता को बढ़ावा देने के प्रयासों को नुकसान पहुंचाया है.
हुसैन इब्राहिम ताहा ने स्पष्ट संदेश देने पर जोर दिया. कहा कि कुरान का अपमान और इस्लाम के पैगंबर का अनादर इस्लामोफोबिया के सामान्य मामले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धार्मिक नफरत रोकने वाले कानूनों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की जरूरत है.
ओआईसी में सऊदी अरब के प्रतिनिधि सालेह हमद अल-साहिबानी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस आपातकालीन बैठक से इस तरह के घृणित व्यवहार को रोकने के लिए अच्छे परिणाम मिलेंगे. यह चैथी बार है जब स्वीडन में अभिव्यक्ति और विचार की स्वतंत्रता की आड़ में ऐसी घटना हुई है.
उन्होंने कहा, सऊदी अरब इस तरह की हरकतों की बार-बार कड़ी निंदा करता है. यह प्रथा किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं. नफरत और नस्लवाद को बढ़ावा देती है. इसके अलावा, यह धार्मिक सिद्धांतों और शांति और एकता के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन है.
सऊदी अरब के अलावा ओआईसी के अन्य सदस्यों पाकिस्तान, तुर्की, कैमरून और गाम्बिया ने भी इस घटना की निंदा की. बैठक के दौरान राजनयिकों और प्रतिनिधियों ने इस संबंध में चिंता व्यक्त की.पाकिस्तान के प्रतिनिधि सैयद मुहम्मद फवाद शेर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार इस क्रूर कृत्य की कड़ी निंदा करती है.
बता दें कि बुधवार को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने 37 साल के शरणार्थी सलवान मोमिका ने कुरान का अपमान किया और पन्नों में आग लगा दी.दूसरी ओर, स्वीडन ने कुरान के अपमान की निंदा करते हुए इसे इस्लामोफोबिया करार दिया. कहा है कि यह स्वीडिश सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करता.
स्वीडन के विदेश मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक बयान में कहा गया, स्वीडिश सरकार पूरी तरह से समझती है कि यह व्यक्तिगत इस्लामोफोबिक कृत्य मुसलमानों के लिए दुख का कारण बन सकता है.इसमें कहा गया है, हम ऐसे कार्यों की कड़ी निंदा करते हैं जो किसी भी तरह से स्वीडिश सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं.