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एसडीपीआई का आरोप-बजरंग दल और वीएचपी की आतंकियों से है साठ-गांठ

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट शराफुद्दीन अहमद ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि भाजपा और उसके वैचारिक थिंक टैंक देश में अल्पसंख्यकों और विपक्षी समूहों पर हमले कर रहे हैं.यही नहीं उनके निष्ठा और देशभक्ति के नारांे के बीच चैंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. आरोप लगाया कि उनके सहायक संगठनों बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और आतंकवादियांे के साथ घनिष्ठ संबंधों के बारे में पता चला है.

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने इन संगठनों की देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. साथ ही केंद्र सरकार से उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने की गुहार लगाई. एसडीपीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट शराफ उद्दीन अहमद ने आगे कहा है कि प्रदीप सरकारी वैज्ञानिक कोरूलकर की गिरफ्तारी और आरएसएस से उनके कथित घनिष्ठ संबंध सरकार और खुफिया एजेंसियों के लिए आंखें खोलने वाले हैं. इसी तरह, बजरिक दल नेता बलराम सिंह और भाजपा यूए मोर्चा आईटी सेल के समन्वयक ध्रुव सक्सेना द्वारा कमीशन के बदले में पाकिस्तान को सेना की जानकारी प्रदान करने की खबरें आई हैं, जिसके बाद उन्हें फरवरी 2017 में गिरफ्तार किया गया थी. इसी तरह, आरएसएस के 25 वर्षीय कार्यकर्ता ने सीबीआई की विशेष अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि नांदेड़ विस्फोट में कई वरिष्ठ दक्षिणपंथी नेता शामिल थे. रिपोर्ट के मुताबिक विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने उन्हें एक आतंकी प्रशिक्षण शिविर के बारे में बताया, जो देश भर में धमाकों को अंजाम देने के लिए चल रहा है. एसडीपीआई ने इस खुलासे पर हैरानी जताते हुए सरकार और खुफिया एजेंसियों से हाई अलर्ट पर रहने की अपील की है. एसडीपीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट शराफुद्दीन अहमद ने सवाल उठाया कि क्या भाजपा अपने सहयोगियों द्वारा आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त करेगी या असहिष्णुता की परीक्षा पास करके अपनी देशभक्ति साबित करेगी.

कर्नाटक में विभाजनकारी राजनीति खारिज: एसडीपीआई

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव इलियास मोहम्मद तांबे ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों ने दिखा दिया कि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को समाप्त करते हुए जनता ही असली विजेता है.लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए वोट दिया, जबकि इसे अस्वीकार कर दिया.

एसडीपीआई कर्नाटक के लोगों को नफरत फैलाने वाली और सांप्रदायिक राजनीति को हराने के लिए बधाई दी है. एसडीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव इलियास मुहम्मद तांबे ने आगे कहा कि यह जनादेश भाजपा की घृणित राजनीति और जनता को बांटने और शासन करने के सांप्रदायिक एजेंडे के खिलाफ है. कांग्रेस पार्टी को सच्चे लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की स्थापना के लिए काम करना चाहिए और रोजगार के अवसर पैदा करके लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करके उनकी अपेक्षाओं को पूरा करना चाहिए. अतीत में कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को जो नुकसान पहुंचाया है, उसे दोहराया नहीं जाना चाहिए. यदि वह ऐसा नहीं करती है तो भविष्य में जनता उसे भी नकार देगी. एसडीपीआई लोगों के साथ खड़ा है और भूख-मुक्त और भय-मुक्त समाज के अपने आदर्श वाक्य के प्रति प्रतिबद्ध है.

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