Religion

मुहर्रम का महीना एक नेक इरादे और आत्म-सुधार के वादे के साथ शुरू करें

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, दुबई

हिजरी नव वर्ष की शुरुआत मुहर्रम के महीने से होती है। यह इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और चार पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इसे “शहरुल्लाह अल-मुहर्रम” यानी “अल्लाह का महीना” कहा गया है।

इस्लामी नव वर्ष की शुरुआत में कोई उत्सव, आतिशबाजी या शोरगुल नहीं होता। यह महीना शांति, आत्म-निरीक्षण और इबादत के साथ आरंभ होता है। इस नए साल का स्वागत एक मुसलमान दिल की पवित्रता, नेक नीयत और ईमानदारी से जीवन जीने के संकल्प के साथ कर सकता है।

अच्छे इरादे की अहमियत
पैग़ंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया, “अमल इरादों पर निर्भर करते हैं, और हर इंसान को उसी के इरादे के अनुसार फल मिलेगा।” (सहीह बुखारी व मुस्लिम)

इस हदीस से यह बात साफ होती है कि किसी भी काम की क़ीमत उस नीयत से तय होती है जिसके साथ वह किया गया हो। इसलिए हिजरी वर्ष की शुरुआत में हमें अपनी नीयतें दुरुस्त करने और अच्छे कार्यों की योजना बनाने की ज़रूरत है।

मुहर्रम में क्या करें?

  • रोज़ की फ़र्ज़ नमाज़ों के साथ दो रकात अतिरिक्त नमाज़ पढ़ने का इरादा करें।
  • अपने व्यवहार में विनम्रता और सहनशीलता लाएं।
  • बहस और टकराव से बचें, और यदि कोई विवाद हो भी जाए, तो खामोशी से निपटें।
  • गुप्त रूप से सदक़ा (दान) देने की आदत डालें।
  • बड़े-बड़े दावे करने के बजाय छोटे लेकिन नियमित नेक कामों की योजना बनाएं।

छोटे इरादे, बड़ा असर
साल की शुरुआत में बहुत बड़े लक्ष्य तय करने की बजाय यह ज़्यादा फायदेमंद होगा कि हम अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में छोटे-छोटे सुधार करें। जैसे –

  • हर दिन एक नेक काम करना,
  • किसी ज़रूरतमंद की मदद करना,
  • झूठ से बचना,
  • और अपने माता-पिता या बड़ों का सम्मान करना।

इस तरह, मुहर्रम से शुरू किया गया एक छोटा लेकिन सच्चा वादा हमारे पूरे साल को बेहतर और बरकत वाला बना सकता है। यही हिजरी वर्ष का असली मक़सद भी है – नया साल, नई नीयत, और अल्लाह की राह में नई शुरुआत।