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कुरान जलाने के खिलाफ इस्लामिक देशों में हिंसक विरोध प्रदर्शन, भारत में सबकी बोलती बंद

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के सामने इस्लाम विरोधी स्वीडिश-डेनिश राजनेता रासमस पालुदान द्वारा मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरान को जलाने के खिलाफ पाकिस्तान, ईरान और तुर्की सहित कई इस्लामी देशों में विरोध प्रदर्शन हुए. इस्लामिक सहयोग संगठन , सऊदी अरब, कतर और कई अन्य देशों ने भी इसकी कड़ी निंदा की है. दूसरी तरफ दुनिया में मुसलमानों की दूसरी बड़ी आबादी वाले देश भारत में इसके विरोध में किसी के मुंह से बोल तक नहीं फूटे. इस मामले में न तो उलेमा और न ही मुस्लिम रहनुमा इस संवेदशील मुद्दों पर कुछ कहना उचित समझ रहे हैं. उलेमा लोकतांत्रिक ढंग से अपनी बात इस मुददे पर रखने से बच रहे हैं.

पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान स्वीडन में पवित्र कुरान के अपमान के जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करता है. इस तरह के कार्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या राय की किसी भी वैध अभिव्यक्ति के दायरे में नहीं आते हैं.

बयान में कहा गया है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस्लामोफोबिया, जेनोफोबिया, असहिष्णुता और धर्म या विश्वास के आधार पर हिंसा के लिए उकसाने के खिलाफ एक आम प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए और अंतर-विश्वास सद्भाव और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने स्वीडन से दुनिया भर में पाकिस्तानी लोगों और मुसलमानों की भावनाओं को ध्यान में रखने और इस्लामोफोबिक कृत्यों को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया.

पाकिस्तानी नेताओं का बयान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को ट्विटर पर अपने बयान में कहा कि स्वीडन में दक्षिणपंथी उग्रवादी के जघन्य कृत्य की जितनी भी निंदा की जाए कम है. शाहबाज शरीफ ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में पूरी दुनिया में रह रहे डेढ़ अरब मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. यह कार्रवाई अस्वीकार्य है.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान और जमात-ए-इस्लामी के नेता सिराजुल हक और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी कुरान के अनादर की निंदा की है.क्वेटा में कुरान की पांडुलिपियां जलाने की घटना, अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा हाई अलर्ट.

विभिन्न देशों में प्रदर्शन

तुर्की की राजधानी अंकारा सहित विभिन्न शहरों में हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस्तांबुल में स्वीडिश वाणिज्य दूतावास के बाहर सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. इस अवसर पर, इस्लाम विरोधी स्वीडिश नेता का पुतला भी जलाया गया.

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कुरान जलाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, ष्मुसलमानों को निशाना बनाने और हमारे पवित्र मूल्यों का अपमान करने वाली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में इस इस्लाम विरोधी कृत्य की अनुमति देना पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

तुर्की ने स्वीडिश रक्षा मंत्री पॉल जॉनसन की एक प्रस्तावित यात्रा को यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि यात्रा अब अपना महत्व और अर्थ खो चुकी है.इस्लामिक सहयोग संगठन और संपर्क आलम-ए-इस्लामी ने पवित्र कुरान को जलाने की कड़ी निंदा की और अधिकारियों से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की.

ओआईसी के महासचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने कहा कि स्वीडिश अधिकारियों की अनुमति से धुर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा पवित्र कुरान का अपमान निंदनीय है. उन्होंने चेतावनी दी कि यह भड़काऊ हरकत है. ये चरमपंथी तत्व मुसलमानों को निशाना बनाते हैं, उनके पवित्र मूल्यों का अपमान करते हैं. यह एक और उदाहरण है कि इस्लामोफोबिया, नफरत, असहिष्णुता और जेनोफोबिया कितना खतरनाक हो चुका है.

अपने निंदनीय बयान में कॉन्टैक्ट अॉफ इस्लामिक स्कॉलर्स ने कहा कि ये बर्बर हरकतें मुसलमानों की आस्था के साथ उनकी आस्था को ही बढ़ाएंगी. मुस्लिम लीग अॉफ इस्लाम के महासचिव डॉ. मुहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा ने नफरत भड़काने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने के खतरों से आगाह किया और कहा कि इस तरह का लापरवाह व्यवहार, अन्य अपराधों के बीच, स्वतंत्रता की अवधारणा और उनके मानवीय मान. यह नुकसान भी पहुंचाता है.

इस्लामिक देशों से कड़ी प्रतिक्रिया

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने इस घटना का विरोध करते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, ष्सऊदी अरब संवाद, सहिष्णुता को बढ़ावा देने, सह-अस्तित्व के महत्व को समझने और नफरत, अतिवाद में विश्वास करता है।ष् पक्षपात को खारिज करता है.

विरोध प्रदर्शनों की अनुमति देने के लिए कतर ने स्वीडिश अधिकारियों की आलोचना की है. कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह दुनिया के दो अरब मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बेहद गंभीर घटना है.ष्कतर धर्म के आधार पर सभी प्रकार के अभद्र भाषा को खारिज करता है.

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर केनानी ने भी इस घटना की निंदा की है. जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि स्वीडन में शांतिपूर्ण जीवन के लिए खतरा और नफरत को बढ़ावा देने वाला यह कदम अस्वीकार्य है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.

कुवैत के विदेश मंत्री सलीम अब्दुल्ला अल-जबर अल-सबा ने भी इस घटना की निंदा की और चेतावनी दी कि ऐसी घटनाओं से मुसलमानों में गुस्सा आएगा. संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय ने भी इस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि धर्मों और उनकी पवित्रता का अनादर कर नफरत भड़काना बंद किया जाना चाहिए.

स्वीडन के प्रधानमंत्री ने क्या कहा?

इस्लाम विरोधी नेता रैसमस पलुदन ने शनिवार को स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर लगभग एक घंटे का भाषण दिया, जिसमें स्वीडन में इस्लाम और अप्रवासियों की आलोचना की.

वेडन के प्रधानमंत्री अल्फ क्रिस्टेंसन ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का एक मूलभूत हिस्सा है, लेकिन जो कानूनी है वह उचित नहीं है. बहुत से लोगों के लिए, पवित्र पुस्तकों को जलाना अत्यधिक पवित्र है. उन्होंने लिखा, मैं स्टॉकहोम में हुई घटना से आहत सभी मुसलमानों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करना चाहता हूं.

स्वीडिश विदेश मंत्री टोबियास बुलस्ट्रॉम ने भी इस घटना को भयानक बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, स्वीडन में अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यहां की सरकार या मैं प्रदर्शन में अभिव्यक्ति का समर्थन करता हूं.