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अजलून में लेखिका प्रो. डॉ. सना अल-शालान को सम्मानित किया गया, विरासत अवशेष नामक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,अजलून, जॉर्डन


पर्यावरणीय विकास के क्षेत्र में सक्रिय संस्था अजलून ग्रीन सोसाइटी फॉर एनवायरनमेंटल डेवलपमेंट द्वारा जॉर्डन पर्यावरण सोसाइटी के सहयोग और संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत अजलून सांस्कृतिक केंद्र में एक भव्य सांस्कृतिक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें जॉर्डन की सुप्रसिद्ध लेखिका, शिक्षाविद और स्वयंसेविका प्रो. डॉ. सना अल-शालान को उनके रचनात्मक योगदान और मानवीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। समारोह का आयोजन “सार्वजनिक हित की प्राप्ति हेतु विकास और स्वयंसेवी सेवा” विषय के तहत किया गया था।

डॉ. सना अल-शालान को यह सम्मान उनकी विशिष्ट साहित्यिक, शैक्षणिक और स्वयंसेवी उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया, जिनके चलते उन्हें हाल ही में डेनमार्क और स्वीडन आधारित अंतर्राष्ट्रीय शांति और मैत्री संगठन का मानद अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने अब तक लगभग 80 साहित्यिक और आलोचनात्मक पुस्तकें, सैकड़ों शोध-पत्र और लेख प्रकाशित किए हैं और 68 से अधिक अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय व स्थानीय पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

इस विशेष समारोह में डॉ. अल-शालान ने “रचनात्मकता, उपलब्धि, स्वयंसेवी कार्य और सेवा” पर एक प्रेरक वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने अपने साहित्यिक अनुभव, मानवतावादी सोच और सामाजिक प्रतिबद्धताओं को साझा किया। उन्होंने विशेष रूप से यह रेखांकित किया कि किस प्रकार साहित्य और समाजसेवा के माध्यम से सामुदायिक बदलाव संभव है।

समारोह का संचालन अल अल-बेत विश्वविद्यालय के शिक्षाविद, अनुवादक और शोधकर्ता प्रोफेसर वायल अल-रैदी ने किया। समारोह में अजलून गवर्नरेट काउंसिल के अध्यक्ष महामहिम उमर अल-मोमानी, जॉर्डनियन जर्नलिस्ट सिंडिकेट के सदस्य और पर्यावरण सोसायटी के प्रमुख अली फ़्रीहाट, और अजलून ग्रीन सोसायटी की अध्यक्ष इंजी. इब्तिहाल अल-समदी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त, संयुक्त सेवा परिषद के खालदून अल-मोमानी, अल-जुनैद कृषि केंद्र की प्रमुख रेहम अल-मोमानी, अजलून वन आरक्षित क्षेत्र की पर्यावरण गुणवत्ता अधिकारी कवथर अल-दवेइकत, साथ ही कई लेखक, कलाकार, मीडियाकर्मी और सामाजिक कार्यकर्ता समारोह में शामिल हुए।

समारोह के दौरान डॉ. सना अल-शालान ने रिबन काटकर “विरासत अवशेष” शीर्षक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में प्रस्तुत कलाकृतियों को दृश्य कलाकार सोंडोस अल-समादी ने तैयार किया था, जिन्होंने प्रत्येक चित्र की थीम और अभिप्राय का विस्तार से परिचय दिया। प्रदर्शनी ने जॉर्डन की सांस्कृतिक विरासत को समकालीन कलात्मक दृष्टिकोण से दर्शाया, जो दर्शकों के लिए एक प्रभावशाली अनुभव रहा।

इंजी. इब्तिहाल अल-समदी ने कार्यक्रम का उद्घाटन भाषण देते हुए डॉ. सना अल-शालान की उपलब्धियों को विस्तार से प्रस्तुत किया और उनके इस सम्मान हेतु नामांकन की पृष्ठभूमि साझा की। अपने भाषणों में उमर अल-मोमानी और अली फ़्रीहाट ने अजलून की पर्यावरणीय एवं सांस्कृतिक पहचान को सहेजने में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका की सराहना की, साथ ही डॉ. अल-शालान की समाजिक प्रतिबद्धता को एक प्रेरक उदाहरण बताया।

इस अवसर पर अन्य गणमान्य अतिथियों जैसे सलीम मूसा अल-समदी, इसरा हसन अल-समदी, शेख जिहाद अल-जघौल, हुसैन अल-मोमानी सहित कई प्रतिष्ठित नामों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा बढ़ाई। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में यह दोहराया कि साहित्य, स्वयंसेवा, पर्यावरण और सांस्कृतिक संवर्धन के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और सामाजिक चेतना को नई दिशा दी जा सकती है।

यह आयोजन केवल एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह जॉर्डन की सांस्कृतिक चेतना, स्वयंसेवा की परंपरा और महिला नेतृत्व की शक्ति को रेखांकित करने वाला एक ऐतिहासिक क्षण था।