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एनडी टीवी के श्रीनिवासन जैन ने ‘दिल्ली दंगे में पुलिस भूमिका को किया बेनकाब

ब्यूरो रिपोर्ट।
#एनडी_टीवी_इंडिया के सीनियर जर्नलिस्ट #श्रीनिवासन_जैन की #दिल्ली_दंगे’ पर आई रिपोर्ट से #दिल्ली_पुलिस बुरी तरह घिर गई है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में दंगे के दौरान पुलिस की भूमिका को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट पर यकीन करें तो दंगे के दौरान #मुसलमानों को चोट पहुंचाने में कई पुलिस वालों ने दंगाइयों जैसी भूमिका निभाई, जिसके कारण हाल में फैजान नामक एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई।
  दिल्ली दंगे के दौरान वह मीडिया फुटेज तो याद होगा ही जिसमें आठ-दस मुस्लिम युवक सड़क पर पड़े पुलिस वालों से रहम की भीख मांग रहे थे और पुलिस वाले उनकी बेरहमी से पिटाई कर रहे थे। मुस्मिल युवकों से बार-बार भारत माता की जय और वंदेमातरम का नारा लगाने को कहा जा रहा था। सड़क पर पड़े युवक जब नारे लगाने में देरी करते डंडांें से उनकी बेरहमी से धुनाई कर दी जाती। इस पिटाई से उन युवकों में से एक फैजान बुरी तरह घायल हो गया। फैजान की मां के मुताबिक, पुलिस वालों ने पीट-पीटकर उनके बेटे की दोनों टांगे तोड़ दी थीं। वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा था। हाल में उसने बड़ी बेचैनी में दम तोड़ दिया।


  श्रीनिवासन जैन की इसी घटना पर रिपोर्ट आई है। वह अपनी एक साथी पत्रकार के साथ घटना के शिकार तमाम लड़कों से मिले और इस बारे में विस्तार से जानकारी इकट्ठी की कि आखिर उस दिन हुआ क्या था ? पुलिस पिटाई के शिकार रफीक ने बताया कि उन्हें पीटने वाले सभी पुलिसवर्दीधारी थे। वे उन्हें बार-बार वंदेमातरम और भारत माता की जय के नारे लगाने के लिए कह रहे थे। उसने बताया कि पिटाई के बाद उन्हें एक वैन में पहले अस्पताल फिर ज्योतिनगर थाने ले जाया गया। वहां उन्हें धमकी दी गई कि इस मामले में यदि उन्होंने ज्यादा शोर-शराब किया तो उन्हें बुरा अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसके बाद वे चुपचाप घर चले आए।  मृतक फैजान की मां ने बताया कि उनका बेटा घटना वाले दिन घर पर ही था। वह किसी काम से बाहर गई हुई थी। इस बीच किसी ने उनके बेटे को बताया कि सड़क पर आँसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। उसे देखने वह घर से निकल गया और पुलिस वालों के हत्थे चढ़ गया।
  श्रीनिवासन जैन ने अपनी स्टोरी में बताया कि इस गंभीर मामले में अब तक किसी पुलिस वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। यहां तक कि मामले की जांच कराना भी दिल्ली पुलिस ने जरूरी नहीं समझा। परिणामस्वरूप फैजान की मौत के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। इस मामले पर एनडी टीवी पर डिबेट में सुप्रीम कोर्ट की वकील विरेंदा ग्रोवर ने कहा कि फैजान की मां उक्त घटना पूरी डिटेल में बताती है। इसके बावजूद अब तक पुलिस के उच्चाधिकारियों ने ज्योति नगर थाने के किसी कर्मचारी से यह नहीं पूछा है कि उस दिन हुआ क्या था ? कायदे से क्राइम ब्रांच को इस गंभीर मामले की जांच करनी चाहिए थी। फैजान की मां बताती हैं कि उस दिन के बाद से अब तक कोई पुलिस वाला उनसे मिलने नहीं आया।


  चूंकि दंगे के दौरान #सोशल_मीडिया पर कई ऐसी तस्वीरें आ चुकी हैं, जिसमें पुलिस वालों को पत्थर चलाते दिखाया गया है। इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसलिए माना जा रहा है कि फैजान के मामले को भी दिल्ली पुलिस गटक जाएगी। दिल्ली दंगे को लेकर #सांसद #असदुद्दीन_ओवैसी भी कई गंभीर सवाल उठा चुके हैं। उनकी मानें तो बड़ी संख्या में मस्जिदें, दरगाह ध्वस्त कर दिए गए, 40 से अधिक मुसलमानों को मौत के घाट उतार दिया गया, सैंकड़ों मकान-दुकान जला दिए गए। बावजूद इसके पुलिस की जांच में कई तरह की खामियां हैं। दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता इससे ही जाहिर हो जाती है कि सोशल मीडिय पर कई भाजपा नेताओं के भड़काउ बयान होने के बावजूद अब तक उनसे पूछताछ तक नहीं की गई है। आम आदमी पार्टी से भाजपा में आए कपिल मिश्रा तो अपने एक वीडियो फुटेज में साफ कहते सुनाई दे रहे हैं कि ट्रंप के जाने के बाद उन्हें फिर कोई रोक नहीं सकता। कपिल मिश्रा ने हाल में सोशल मीडिया पर मुसलमानों को जलील करने के लिए तथाकथित आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था।


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