ईद पर भी गाजा में इजरायली हमले बंद हाने की उम्मीद नहीं
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
यूएन, कतर और अमेरिका के तमाम कोशिशों के बावजूद ईद जैसे बड़े मुस्लिम त्योहार पर इजरायली हमले रूकने की उम्मीद नहीं. अरब देशों मंे मंगल-बुधवार को ईद होने की संभावना है और तब तक हमास और इजरायल के बीच समझौता कराने के तमाम प्रयास विफ रहे हैं.
चूंकि गाजा पट्टी में रहने वाले तमाम फिलिस्तीनियों का रमजान बरस्ते बम और गोलियों की बौछार में गुजरा है, ऐसे लोगों के लिए ईद की क्या खुशी. इसलिए हमास की तरफ से समझौते के प्रति खास दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है. गाजा को लेकर अब तक जैसा रूख रहा है, उससे यूएई, सउदी अरब और तुर्की जैसे ‘मुस्लिम देशों के चैधरी’ पूरी तरह नंगे हो चुके हैं. यहां तक कि गाजा मंे इस्लामिक देशों का संगठन भी गाजा की तबाही का मुआयना करने कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं भेज सका है.मानवाधिकार की वकालत करने वाले देश भी इस मामले में अब तक नौटंकी ही करते रहे हैं.
इस बीच खबर है कि अमेरिका नए सिरे से इजरायल और हमास के बीच समझौते करने की कोशिश में है. उसे उम्मीद है कि दोनों देशों के वार्ताकार सप्ताह के अंत में काहिरा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई समझौते पर पहुंचने के लिए नए सिरे से प्रयास करेंगे. हालांकि, इसको लेकर हमास कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है.
फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, मिस्र के अल-काहिरा न्यूज ने बताया कि सीआईए निदेशक बिल बर्न्स और कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल-थानी ने रविवार को इजरायली और हमास प्रतिनिधिमंडलों के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता के लिए मिस्र के मध्यस्थों को बुलाया है.
वार्ता से पहले, हमास ने अपनी मुख्य मांगों की पुष्टि की है, जिसमें गाजा में पूर्ण युद्धविराम और इजरायली बलों की वापसी शामिल है. दोनों ऐसे बड़ी शर्तें, जिसपर पिछले बैठकों में इजरायल अपनी असमति जता चुका है.
बहरहाल,प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया कि सप्ताहांत वार्ता से पहले, जो बिडेन ने मिस्र और कतर के नेताओं को पत्र लिखा था. पत्र में नेताओं से आग्रह किया गया कि वे हमास के साथ समझौते पर सहमत होने और उसका पालन करने की अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम रहें.
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नवंबर में एक सप्ताह तक चले संघर्ष विराम के बाद से बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई है. इस समझौते के तहत हमास ने कई इजरायली बंधकों को और इजरायल ने फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया था.
इसके बाद से इजरायल गाजा पर ताबड़ तोड़ हमले कर इसे हथियाने की फिराक में है.व्हाइट हाउस ने पुष्टि की कि वार्ता इस सप्ताह के अंत में काहिरा में होगी, जबकि हमास ने कहा कि उसका प्रतिनिधिमंडल रविवार को काहिरा जाएगा.संघर्ष विराम का प्रयास इजरायली सेना द्वारा ऑपरेशन के दौरान अपनी गलतियों को स्वीकार करने के बाद किया गया है. सेना ने कहा कि वह गाजा में सात सहायता कर्मियों की मौत पर दो अधिकारियों को बर्खास्त कर चुका है.
हालांकि, इजरायली सेना की इस स्वीकारोक्ति के बावजूद स्वतंत्र जाँच की माँगें खत्म नहीं हुईं.1 अप्रैल को इजरायली हमले में अमेरिकन वर्ल्ड सेंट्रल किचन के सात सहायता कर्मियों के मारे जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच तनाव पैदा हो गया.
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्वीकार किया है कि उनकी सेना ने गाजा में हवाई हमले में अनजाने में सात सहायता कर्मियों को मार डाला.अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों और सहायता कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने या हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल के लिए समर्थन वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है.
व्हाइट हाउस ने इस बात का विवरण नहीं दिया कि बिडेन ने नेतन्याहू को क्या कार्रवाई करने के लिए कहा है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के लिए हथियारों की बिक्री और समर्थन में कटौती करने की धमकी दी है.
गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका कई महीनों से इजरायल से अपनी सैन्य रणनीति बदलने के लिए कह रहा है, जिसमें हजारों फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जबकि हाल में अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठन के सात सदस्यों को भी इजरायली हमलों का निशाना बनाया गया. इजरायल ने अपने ही गोला बारी से गाजा में कई इजरायली बंधकों को मौत के घाट उतार दिया, जिसकी स्वीकृति भी वह कर चुका