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यूपीएससी रिजल्ट 2022: जम्मू से 13 और कश्मीर से 3 उम्मीदवारों के चयन से खुल गई घाटी में स्थिति सामान्य होने की पोल !

मुस्लि नाउ ब्यूरो,जम्म

अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कुछ फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से लगातार यह प्रचारित किया जा रहा है कि आतंकवादी और कश्मीर घाटी के युवा रास्ते पर आ गए हैं. उन्होंने खेल और पढ़ाई में इस कदर हिस्सा लेना शुरू कर दिया है कि कश्मीर में शांति ही शांति है. युवा शिक्षा, खेल और दूसरे क्षेत्रों मंे निरंतर आगे बढ़ रहे हैं. मगर इस बार के यूपीएससी 2022 के रिजल्ट ने इन दावों की पोल खोल दी है.

रिजल्ट यह बताता है कि बनावटी शोर से कहीं ज्यादा कश्मीर में सही प्रयास और प्रोत्साहन की जरूरत है. पहले की तुलतना मंे भले ही आतंकवादी गतिविधियां कम हुई हों और पत्थरबाजी बंद हो गई हो, पर घाटी के युवाओं को आश्वासन और बनावटी तक्करी के शोर से कहीं अधिक सार्थक प्रयासों की जरूरत है.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में उद्योग और रोजगार बढ़ाने को लेकर तरह-तरह के दावे किए गए . यह चीजें जमीन पर तो नहीं दिखाई दे रही हैं. अलबत्ता यह हुआ कि फर्जी वेबसाइट चलाने वालों के शोर से कश्मीर में पर्यटकों के आने का सिलसिला अवश्य बढ़ गया. केंद्र सरकार के एक आंकड़े के अनुसार पिछले साल के पहले छह महीने में डेढ़ करोड़ से ज्यादा पर्यटक कश्मीर आ चुके हैं.

सवाल यह है कि क्या केवल पर्यटन से किसी देश और प्रदेश का विकास संभव है ? जाहिर सी बात है कि ऐसा हुआ होता तो हिमाचल और उत्तराखंड के लोग सोने के घरों में रह रहे होते और श्रीलंका का दिवाला नहीं पिटता ?

घाटी की तस्वीर केवल पढ़ाई के बूते बदली जा सकती है. जैसे बिहार में बहुत कुछ नहीं होने के बावजूद इस सूबे में भूखमरी और बेकारी बिलकुल नहीं है. यहां से निकलने वाले युवा आईएएस और आईपीएस बनकर देश और विभिन्न प्रदेशों की सरकार चलाने में बराबर के भागीदार हैं. पढ़ाई के बूते ही बिहार से नकसलवाद मिट गया. आज नक्सलियों के बच्चे आईआईटी, जेईई के एग्जाम क्रैक कर रहे हैं.

घाटी की वास्तव में तस्वीर बदलनी है तो पढ़ाई का माहौल देना होगा. इस बार के यूपीएससी के रिजल्ट यह बताते हैं कि घाटी के युवाओं के दिलों में पढ़ाई की रोशनी नहीं जलाई जा रही है. घाटी से केवल तीन युवा इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफल हुए हैं. एक को पहले सात में जगह मिली है.

मगर यह काफी नहीं है. इसी घाटी के शाह फैसल यूपीएससी में टाॅप कर चुके हैं. उन्हें इसके लिए घाटी के बाहर रहना पड़ा था. जम्मू से 13 युवा कामयाब हुए हैं. किसी ने बताया कि इन में पांच कश्मीरी पंडित हैं. हिंदू बहुल जम्मू में पहले से शांति है. वहां के युवा पहले भी पढ़ाई में दिलचस्पी लेते रहे हैं. इस हिसाब से 13 युवाओं को यूपीएससी क्रैक करना कोई आश्चर्य में डालने वाला नहीं है. इस बार बिहार से 36 युवाओं ने यूपीएससी क्रैक किया है. पहले और दूसरे नंबर की टाॅपर लड़कियां बिहार से हैं. पिछले साल भी बिहार से टाॅप किया था. आमिर सुभानी बिहार के पहले टाॅपर मुसलमान हैं. बिहार में यूपीएससी के लिए युवाआंे को प्रेरित किया जाता है. स्कूलांे में इसके बीज बोए जाते हैं.

जाहिर है कश्मीर में केवल मुसलमानांे को खुश करने का दिखावा चल रहा है. संगीन और खुशी दो अलग-अलग चीजें हैं. विदेशी मेहमानों के सामने सांस्कृति कार्यक्रम कराने से सच्चाई नहीं छुपाई जा सकती. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के जमाने में आप विश्व की आंखों में धूल नहीं छोंक सकते. यदि वास्तव में देश और कश्मीर के हितैशी हैं, घाटी से आतंकवाद समाप्त करने की नियत रखते हैं तो कश्मीरी युवाओं को पढ़ाई की तरफ बढ़ाइए. उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित कीजिए. दृष्टि, जकात फाउंउेशन, जामिया जैसे संस्थानों को प्रोत्साहित कीजिए ताकि वे अपनी शाखाएं घाटी में खोल सकें. यह सब नहीं करते हैं तो मौजूदा दिखावा कुछ समय का ढोल है. पोल तो फिर खुल ही जाना है.

लेख खत्म करने से पहले बता दूं कि इस साल जम्मू-कश्मीर से 16 उम्मीदवारों ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की चयन सूची में जगह बनाई है. यूपीएससी ने मंगलवार को रिजल्ट घोषित किया। इस वर्ष, 933 उम्मीदवारों 320 महिलाओं और 613 पुरुषों को सफल घोषित किया गया.

इस साल जम्मू-कश्मीर से चुने गए 16 उम्मीदवारों में अनंतनाग जिले के दूरू इलाके के वसीम अहमद भट को 7 वीं रैंक मिली है. भट ने 2021 में 225 वीं रैंक हासिल किया था.

25 वर्षीय भट ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर से बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) किया है.

पुंछ जिले की परसेनजीत कौर ने 11वीं रैंक हासिल की है, जबकि नितिन सिंह (रैंक 32), नवीद अहसान भट (रैंक 84), अंबिका रैना (रैंक 164), नवनीत सिंह (रैंक 191), मनन भट (रैंक 231), अर्जुन गुप्ता (रैंक 228), मणिल बेजोत्रा (रैंक 314), द्वारिका गांधी (रैंक 505), इरफान चैधरी (रैंक 476), अंजीत सिंह (रैंक 565), अभिनंदन सिंह (रैंक 749), निम्रांशु हंस (रैंक 811), इरम चैधरी (रैंक 852) और आदेश बसनोत्रा (रैंक 888) को भी अंतिम चयन सूची में शामिल किया गया है.

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